Menstrual cycle या मासिक धर्म के समय दर्द क्यों होता है

                 
Menstrual cycle या मासिक धर्म -       
           
            मासिक धर्म या menstrual cycle यह एक स्वाभाविक क्रिया है ।यह सभी लड़कियों को 12 से 16 साल के वर्ष की आयु में होना नितांत आवश्यक है। सभी लड़कियों में 12 से 16 साल या teen age इस समय बहुत सारे शारीरिक तथा मानसिक परिवर्तन होते हैं ।क्योंकि शरीर में नए-नए हारमोंस तैयार होती हैं । जिसके कारण यह परिवर्तन होना भी जरूरी है ,शारीरिक परिवर्तन लड़कियों और लड़कों में अलग-अलग होते हैं ।लड़कियों में शारीरिक परिवर्तन जैसे कांख में बाल का आना, योनि में बाल का आना, योनि का साइज बड़ा होना ,ब्रेस्ट या छाती के आकार का बढ़ना और मासिक स्राव का आना आदि परिवर्तन होना बहुत जरूरी है। और इसमें एक मुख्य परिवर्तन है, मासिक धर्म का आना। मासिक धर्म के आने के पहले सभी लड़कियों को पहले से ही इसके विषय में ज्ञान होना बहुत जरूरी है ।माता को पहले ही इस विषय के बारे में अपनी लड़कियों को बताना जरूरी होता है ,क्योंकि जब अचानक योनि मार्ग से रक्तस्राव होता है, तो कभी कभी लड़कियां भय के कारण यह शर्म के कारण उसे छुपाती हैं और उन्हें पता भी नहीं होता कि क्या है ,और उन्हें यह भी बताना जरूरी है कि सामान्यता सभी को होता है और होना क्यों जरूरी है।

मासिक धर्म होने का कारण- 

           इससे पहले कि हम मासिक धर्म या  menstrual cycle में होने वाले दर्द के बारे में समझे उसे पहले ही जाना जरूरी है कि या मासिक धर्म क्यों होता है और क्यों जरूरी है। हमारे शरीर में 12 से 16 साल की उम्र में बहुत सारे परिवर्तन होते हैं ।जो कि हमारे शरीर में कुछ  hormones के कारण होती हैं जीन्हे सेक्स हार्मोन बोला जाता है। और उसके कारण ही मासिक स्राव होता है ।मासिक स्राव में का संबंध हमारे गर्भाशय से होता है।  
             किसी को भी जानवर हो या इंसान हो सभी को रहने के लिए पहले घर की जरूरत होती है। वैसे ही गर्भाशय या uterus है ।आशय का अर्थ होता है ,घर।अर्थात गर्भ के घर या रहने के स्थान को गर्भाशय  कहते है। हर महीने हमारे गर्भाशय में एक बेड बिस्तर बनता है बच्चे के लिए ।अगर शुक्राणु का प्रवेश हमारे शरीर में होता है तो वहां पर zygote बनता है ,जो जाकर गर्भाशय में रहता है ।और वहां पर उसकी वृद्धि होती है। अगर शुक्राणु प्रवेश नहीं हुआ है तो उस बेड का कुछ काम नहीं होता हर महीने हमारे शरीर से waste product के तरह निकल जाता है।और जो अंडाणु हर महीने बनते हैं उसका काम कब रहता है ,जब तक शुक्राणु प्रवेश करे तब तक नहीं करता तब तक का कुछ काम नहीं रहता तो वह और जो गर्भाशय में एक बेड पर हुआ है वह मिलकर गर्भाशय से अलग होकर निकलने लगते हैं, और जब वह निकलते हैं, तो अपने साथ में कुछ फ्रेश ब्लड भी जाता है, इसे ही मासिक स्राव बोलते हैं  गर्भाशय प्रक्रिया यह हर महीने चलती है। जब शादी होती है या किसी पुरुष के साथ संबंध होता है तब शुक्राणु अंडाणु के साथ मिलता है तब zygote फॉर्मेशन होता है ।और  वहीं से बच्चे को ब्लड की सप्लाई होती है और वहां पर की वृद्धि होती है। और जब उसका काम नहीं होता तो वह प्रोडक्ट हमारे शरीर से बाहर निकल जाता है।

मासिक स्राव के समय दर्द क्यों होता है-             
       यह सभी पूछते हैं कि अपनी मासिक धर्म के समय में दर्द होता है ।यह स्वाभाविक है पर यह कि किसी को कम होता है किसी को ज्यादा होता है ।पर दर्द सभी को होता है जैसे कि मैंने ऊपर बताया है, कि मासिक स्राव के समय में जो गर्भाशय में बेड बनता है वह अंडाणु और किस से शुद्ध रक्त निकलता है तो दर्द क्यों इसलिए होता है क्योंकि वह जो बैड बना है वह हमारे गर्भाशय में रहता है। जब हमारे शरीर से कटकर अपने आप निकले तो हमें दर्द का एहसास होगा ही इसी प्रकार का हिस्सा बन जाता है शरीर से अलग से अलग होके निकलता है तो हमारी पेट के निचले हिस्से में जो गर्भाश रहता है उसके ऊपर की दर्द होता है।   

      मासिक धर्म के समय दर्द अधिक होने पर क्या करें

        जैसे कि मैं मैंने ऊपर बताया कि मासिक धर्म में दर्द होना स्वाभाविक है ,पर यह कभी-कभी बहुत ज्यादा होते हैं जिससे हमारे  दैनंदिन का कार्य में हमें तकलीफ होती है ।इसके लिए कुछ घरेलू उपाय बताए गए हैं।
       1. हम एक बोतल में थोड़ा गर्म पानी लेकर उस बोतल को पेट के निचले हिस्से में घुमा कर पेट को सेक सकते हैं ,जिससे यह दर्द थोड़ा कम हो जाता है।
       2. जीरे को भूनकर उसमें सेंधा नमक मिलाकर उसे खाने के बाद गर्म पानी पीने से यह दर्द ठीक हो जाता है।
      3. मासिक धर्म के समय हल्के गर्म पानी का पीने से यह दर्द थोड़ा कम होता है।
     4. कभी कभी बहुत दर्द होता है तो हम कुछ आयुर्वेदिक औषध का उपयोग कर सकते हैं जैसे अशोकारिष्ट, M2 tone,रजःप्रवर्तनी वटी आदि।
     इस प्रकार हम menstrual cycle या मासिक स्राव में होने वाले दर्द को को घरेलू तथा आयुर्वेदिक तरीकों से ठीक कर सकते हैं।
       इसके अलावा एलोपैथी में भी बहुत सारी औषधियों उपलब्ध है ,जैसे कि हम हार्मोनल ट्रीटमेंट दे सकते हैं या एंटीस्पेज्मोडिक ये ऐसी औषध यजो पेट दर्द को कम करें इनका प्रयोग कर सकते हैं।
        लड़कियों की मन में बहुत सारे सवाल रहते हैं पर वह इन सवालों को किसी से पूछने से घबराते हैं, इसलिए आजकल महाराष्ट्र सरकार में ऑनलाइन या ऑन कॉल एक सुविधा शुरू की है, जिसमें हम अपने सारे स्वास्थ्य संबंधित या मासिक स्राव या अन्य  adolsence या teen age  की प्रॉब्लम का सॉल्यूशन मिल सकता है। इसके लिए टोल फ्री नंबर 104 में कॉल कर सकते हैं। या हर सरकारी दवाखाने में  arsh clinic की सुविधा है। जिसमें लड़कियों या लड़कों की सेक्स से संबंधित प्रॉब्लम्स का उपचार होता है।



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