आयुर्वेद के अनुसार दिनचर्या या daily routine according to ayurved
आयुर्वेद के अनुसार दिनचर्या या daily routine according to ayurved दिनचर्या शब्द से रात्री चर्या, ऋतु चर्या आदि का भी ग्रहण किया जाता है ।इस ब्लॉग में उना चरणों की चर्चा की जाएगी जो नर नारी के लिए दोनों लोगों में हितकर होती है ।हमारा आयुर्वेद इस लोक और परलोक को मानता है ।आपको इसके अनेक प्रमाण मिलेंगे ।। 1- ब्रह्म मुहूर्त में जागना- स्वस्थ निरोग स्त्री पुरुष को अपनी आयु की रक्षा करने के लिए प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए ।ब्रह्म मुहूर्त मतलब रात के तीसरे पहर की दोहरी या दो दंड अर्थात सुबह 4:00 से 6:00 का समय इसी ब्रह्म मुहूर्त कहा गया है। शरीर की चिंता से निवृत्त होकर अर्थात में उठने योग्य हूं या नहीं ऐसा विचार करके यदि वह अपने को दिनचर्या करने योग्य समझें। इसके बाद तांबे के पात्र में रखा हुआ जेल हल्का सा गर्म करके पिए या उस जल में एक गिलास जल में आधा नींबू का रस और शहद डालकर भी पी सकते हैं यह डिटॉक्सिफिकेशन का काम करता है 3. मल तथा मूत्र का त्याग - पानी पीने के बाद शौच या तब वह सोच विधि मल मूत्र त्याग कर करना चाहिए 4. व्यायाम तथा योग - मल